इलाहाबाद हाईकोर्ट में उच्चत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग से 917 सहायक प्रोफेसर भर्ती मामले में पेश हुए उच्च शिक्षा अपर सचिव महेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि यूपी सरकार नए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के गठन के लिए संवेदनशील है। जल्दी ही अध्यादेश ला सकती है। यूपी सरकार ने इसके लिए 12 सदस्यीय समिति का गठन किया है। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री ने खुद ही बैठक बुलाई है। इसलिए इस मामले की सुनवाई जुलाई में की जाए।
अपर सचिव के इस हलफनामे पर कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी नहीं की। उसे एक दिन के लिए टालते हुए बुधवार को तय कर दी। अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने महेंद्र सिंह व तीन अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचियों की ओर से अधिवक्ता ने अपर सचिव उच्च शिक्षा के इस हलफनामे पर आपत्ति जताई। कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2019 बनकर तैयार है। सरकार उस पर नोटिफिकेशन ही नहीं जारी कर रही है। यूपी सरकार की इस मामले को लंबित रखने की रणनीति है। इसलिए नया अधिनियम लाने की बात कह रही है। कोर्ट मामले में आदेश पारित करे लेकिन कोर्ट ने मुख्यमंत्री की बैठक करने की जानकारी मिलने के बाद सुनवाई को एक दिन के लिए टाल दिया।
मामले में कोर्ट ने इसके पहले सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। इसलिए अपर सचिव उच्च शिक्षा को तलब किया था। याचिका में याचियों की ओर से भर्ती प्रक्रिया पूरा करने की मांग की गई है। लेकिन, उच्चत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग का कोरम पूरा न होने से अभ्यर्थियों का साक्षात्कार रुका हुआ है। कोर्ट ने यूपी सरकार को कोरम पूरा कर भर्ती प्रक्रिया पूरा करने को कहा था। लेकिन सरकार कोरम पूरा नहीं कर रही है। इसलिए कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और पिछली सुनवाई पर अपर सचिव उच्च शिक्षा को उपस्थित होने को कहा था।