अशोक गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में समन जारी करने पर फैसला 24 जून को

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर उनको (गहलोत) समन जारी करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने 24 जून को फैसला सुनाने का आदेश दिया।

दिल्ली पुलिस ने 25 मई को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट दाखिल की थी। 25 अप्रैल को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच के लिए एक महीने का समय दिया था। 24 मार्च को कोर्ट ने गहलोत के खिलाफ फिलहाल समन जारी नहीं करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर को निर्देश दिया था कि वो इस मामले की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करें।

READ ALSO  आठ दशक बाद, हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दक्षिण मुंबई के दो फ्लैटों को 93 वर्षीय मालिक को सौंपने का निर्देश दिया

इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत समेत चार गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। 15 मार्च को अश्विनी जेपी सिंह, 13 मार्च को गवाह गजेंद्र सिंह यादव, 6 मार्च को गजेंद्र सिंह शेखावत और 7 मार्च को गवाह हर्ष पिचारा ने बयान दर्ज कराए थे। शेखावत ने अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपित नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

Video thumbnail

याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। गहलोत ने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को।

READ ALSO  अब पटना हाई कोर्ट से जमानत मिलना आसान नही होगा

एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। गहलोत ने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए। याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य जमाकर्ता है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे सेवानिवृत्त ओडिशा न्यायाधीश के खिलाफ चार्जशीट को खारिज कर दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles