दूसरे राज्य में विवाहित महिला को विधवा आरक्षण नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2022 में प्रदेश की मूल निवासी महिला के दूसरे राज्य में हुए विवाह के चलते उसे विधवा आरक्षण का लाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद रिक्त रखने को कहा है। जस्टिस अरुण भंसाली की एकलपीठ ने यह आदेश विनोद कुमारी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राजस्थान की मूल निवासी है। उसका विवाह पंजाब में हुआ था। जहां कुछ सालों बाद उसके पति की मौत हो गई। वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 दिसंबर, 2022 को तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के लिए भर्ती निकाली। जिसमें याचिकाकर्ता ने विधवा कोटे में आवेदन किया। बोर्ड की ओर से जारी कट ऑफ में याचिकाकर्ता के विधवा श्रेणी की कट ऑफ से अधिक अंक हैं। ऐसे में उसे दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया, लेकिन दस्तावेज सत्यापन के बाद चयन बोर्ड ने याचिकाकर्ता का नाम नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को नहीं भेजा।

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याचिकाकर्ता को बताया गया कि प्रदेश से बाहर विवाह करने के चलते उसे विधवा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रदेश की मूल निवासी है। ऐसे में सिर्फ उसका विवाह प्रदेश से बाहर होने के आधार पर उसे आरक्षण से वंचित नहीं किया जा सकता।

शिक्षा विभाग ने भी निर्देश दे रखे हैं कि प्रदेश से बाहर विवाह करने वाली महिला अभ्यर्थियों को उनकी स्वयं की श्रेणी के अनुसार नियुक्ति प्रदान की जाएगी। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है।

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