आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने वाई एस जगमोहन रेड्डी सरकार को बड़ा झटका देते हुए अमरावती भूमि सौदों (Amravati Land Deal) से जुड़े भेदिया कारोबार के एक आपराधिक मामलों की कार्यवाही को रदद कर दिया है। प्रदेश की क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) में कुछ निजी निकायों के खिलाफ मुकदमा दाखिल कर रखा था। कोर्ट ने कहा की पूर्ण प्रकरण कई खामियों से भरा हुआ है और अभियोजक के पक्ष की जड़ को खत्म करता है।
कोर्ट के न्यायाधीश चिकटि मानवेंद्रनाथ रॉय की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि “यह वास्तव में इस अदालत के समझ के परे है कि कैसे उक्त निजी बिक्री लेनदेन को मामूली वजहों के आधार पर आपराधिक बनाया जा सकता है। एंव जमीन के खरीददारों को अपराधी बताकर कार्यवाई की जा सकती है।
” इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होने के अनुमान है। चूंकि राज्य सरकार इसी तरह के आरोपों पर अन्य मामले भी चला रही है। जिनमें कुछ बड़े लोग कथित तौर पर शामिल हैं।
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आगे कोर्ट ने कहा कि भेदिया कारोबार के उस सिध्दांत को सिरे से खारिज कर दिया ,जिसे वाईएसआर कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए 2016 से ही अमरावती राजधानी क्षेत्र में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर प्रचारित करती आ रही है। वाईएसआर कांग्रेस ने पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू और उनके परिजनों और तेलगु देशम पार्टी के चुनिंदा नेताओं पर भेदिया कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया है।