यातायात नियंत्रण के लिए ई-रिक्शा पंजीकरण पर कोई प्रतिबंध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण फैसले में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यातायात को विनियमित किया जा सकता है, लेकिन ई-रिक्शा के पंजीकरण पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। यह निर्णय श्री वृन्दावन ऑटो सेल्स और मथुरा की पांच अन्य ऑटो एजेंसियों द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में आया है, जिसमें उस अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गई थी जिसमें आगरा और मथुरा में ई-रिक्शा के पंजीकरण को रोकने की मांग की गई थी।

खंडपीठ के न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने कहा कि जारी अधिसूचना अमान्य थी, इस बात पर जोर दिया गया कि यातायात प्रबंधन संबंधी चिंताएं परिवहन अधिकारियों के लिए पंजीकरण पर रोक को उचित नहीं ठहरा सकती हैं।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट ने बार से पारंपरिक अदालती अवकाश समाप्त करने पर मांगी राय

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा असहनीय यातायात स्थितियों का हवाला देते हुए ई-रिक्शा पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करने के बाद याचिकाएँ उठीं। राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में तर्क दिया कि ई-रिक्शा और सीएनजी ऑटो-रिक्शा तेजी से यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे भीड़भाड़ बढ़ रही है।

Video thumbnail

आंकड़े इस मुद्दे के पैमाने को दर्शाते हैं: अकेले मथुरा में 14,748 ई-रिक्शा, 12,346 सीएनजी थ्री-व्हीलर रिक्शा और 695 ई-ऑटो के साथ-साथ 105 से अधिक ई-रिक्शा डीलरशिप हैं। सरकार ने मथुरा-आगरा क्षेत्र में बढ़ते यातायात नियंत्रण के मुद्दों को देखते हुए जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध लगाया था।

READ ALSO  दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से AAP के कार्यालय स्थल के अनुरोध पर कार्रवाई करने को कहा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles