इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती: विवेचना अधिकारियों द्वारा काउंटर हलफनामा दाखिल करने के बदले पैसे मांगने की शिकायत पर डीजीपी को निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन शिकायतों को गंभीरता से लिया है जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि विवेचना अधिकारी अदालत में काउंटर हलफनामा दाखिल करने के लिए वादकारियों से पैसे मांगते हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया कि वे प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों को इस प्रकार की प्रवृत्ति से दूर रहने के स्पष्ट निर्देश जारी करें।

यह टिप्पणी न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने कमलेश मिश्रा और एक अन्य द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान की। याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि मामले के विवेचना अधिकारी मधुसूदन वर्मा ने सुबह 11:47 बजे एक पक्षकार को फोन कर ₹3,000 की मांग की ताकि वह काउंटर हलफनामा दाखिल कर सकें।

READ ALSO  हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मार्च में सुनवाई करेगा

वकील ने यह भी बताया कि इस प्रकार की मांगें एक सामान्य प्रथा बन चुकी हैं, जहां पुलिस अधिकारी सीधे पक्षकारों से संपर्क कर प्रक्रिया से जुड़ी कार्यवाही के लिए धनराशि मांगते हैं। जब इस संबंध में अदालत में पूछताछ हुई, तो IO मधुसूदन वर्मा ने फोन करने की बात स्वीकार की लेकिन पैसे मांगने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ जानकारी के लिए फोन किया था। उन्होंने एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर इन आरोपों को निराधार और पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने की साजिश बताया।

Video thumbnail

कोर्ट ने अधिकारी के स्पष्टीकरण को असंतोषजनक मानते हुए टिप्पणी की, “व्यक्तिगत हलफनामे में लिया गया यह रुख IO के आचरण की व्याख्या नहीं करता।” न्यायमूर्ति कुमार ने इस प्रकार की प्रवृत्ति को “अत्यंत निंदनीय” करार देते हुए मामले को उचित जांच के लिए डीजीपी को सौंप दिया।

READ ALSO  मायके जाकर आत्महत्या करने पर पति पर लगा दहेज हत्या का आरोप- हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

हाईकोर्ट ने डीजीपी को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि सभी पुलिस कर्मियों को एक स्पष्ट परिपत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाए कि वे किसी भी मामले में अदालत से संबंधित दस्तावेजों की कार्यवाही के लिए पक्षकारों से धन की मांग न करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम-वीवीपीएटी क्रॉस-सत्यापन पर पुनर्विचार याचिका खारिज की
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles