इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया है कि वह पूर्व में जारी अदालत के आदेश के पूर्ण अनुपालन की पुष्टि करते हुए अनुपालन हलफनामा दाखिल करें या 3 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हों।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलील कुमार राय ने डॉ. सुशील कुमार दुबे द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। डॉ. दुबे ने आरोप लगाया है कि स्पष्ट न्यायालयी निर्देशों के बावजूद उन्हें प्रोन्नति से वंचित कर दिया गया।
याचिकाकर्ता के अनुसार, 4 जून 2021 को बीएचयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में उन्हें सहायक प्रोफेसर स्टेज-2 से स्टेज-3 में प्रोन्नति के लिए अनुशंसा की गई थी। हालांकि, तीन वर्षों के बाद भी इस निर्णय को लागू नहीं किया गया।

हाईकोर्ट ने इससे पहले 7 जनवरी को आदेश दिया था कि यदि शीघ्र ही ईसी का गठन होता है तो वह तीन माह की अवधि में याचिकाकर्ता की प्रोन्नति के मामले का निस्तारण करे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि ईसी का गठन नहीं होता या समय सीमा में निर्णय नहीं होता, तो डॉ. दुबे की प्रोन्नति मानी जाएगी, हालांकि ईसी के बाद के किसी निर्णय से यह प्रभावित हो सकता है।
सोमवार को याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि कुलपति द्वारा अब तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है, जिसके चलते अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा है।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी, जिसमें कुलपति को अनुपालन हलफनामा दाखिल करना होगा या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।