इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति एन के जौहरी की पीठ ने शिकायतकर्ता डेविड मारियो डेनिस द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया।
डेनिस ने पाठक के खिलाफ 29 अक्टूबर, 2022 को लखनऊ के इंदिरानगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आरोप है कि पाठक ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों के एवज में कमीशन के रूप में 1.41 करोड़ रुपये वसूले थे।
जनवरी 2022 में पाठक को डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।