एक अहम कदम उठाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया है और उसे पूर्व के आदेश का पालन करने के लिए एक महीने का समय दिया है। यह मामला मेरठ निवासी अभिषेक सोम की सुरक्षा को लेकर है, जिन्हें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जान का खतरा बताया गया है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि तय समयसीमा के भीतर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने अभिषेक सोम द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। अगली सुनवाई की तारीख 19 मई तय की गई है। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के 31 जनवरी 2024 के आदेश का पालन नहीं किया, जिसमें सोम को एक राज्य स्तरीय समिति के समक्ष विस्तृत आवेदन देकर सुरक्षा मांगने का निर्देश दिया गया था। सोम ने 28 फरवरी को यह आवेदन प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को सौंप दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत ने टिप्पणी की, “रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि प्रतिवादी के खिलाफ एक प्राथमिक दृष्टया अवमानना का मामला बनता है। अतः प्रतिवादी को नोटिस जारी किया जाए।”

हालांकि, अदालत ने राज्य सरकार को एक अंतिम अवसर देते हुए कहा, “न्याय के हित में प्रतिवादी को एक और अवसर दिया जाता है कि वह एक महीने के भीतर अदालत के आदेश का पालन करते हुए इस संबंध में हलफनामा दाखिल करे।”
यदि राज्य सरकार इस अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं करती है, तो प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करना होगा कि क्यों न उनके विरुद्ध जानबूझकर न्यायिक आदेश की अवहेलना करने पर अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।