इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद रूचि वीरा को 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कथित रूप से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामले में अंतरिम राहत प्रदान की है। न्यायालय ने पुलिस को उनके विरुद्ध कोई भी दमनात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति समीत गोपाल ने यह आदेश रूचि वीरा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में कहा गया था कि मुरादाबाद स्थित एक निजी आवास पर पूर्व अनुमति के बिना जनसभा को संबोधित करने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना गया।
यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवहेलना) और धारा 171-एच (चुनाव से संबंधित अवैध भुगतान) के तहत दर्ज की गई थी।

सुनवाई के दौरान वीरा के अधिवक्ता ने अदालत का ध्यान एक पूर्व आदेश (प्रदीप कुमार चौधरी बनाम राज्य बनाम उत्तर प्रदेश) दिनांक 22 अगस्त, 2024 की ओर आकर्षित किया, जिसमें समान आरोपों पर अंतरिम राहत दी गई थी। अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि वर्तमान मामले को भी समान लंबित मामलों के साथ जोड़ा जाए और याचिकाकर्ता को भी अंतरिम सुरक्षा दी जाए।
हालांकि, राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया, लेकिन अदालत ने प्रासंगिक मुद्दों में समानता पाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।
“अगली सुनवाई की तारीख तक, याचिकाकर्ता श्रीमती रूचि वीरा और श्री उमाकांत गुप्ता के विरुद्ध कोई भी दमनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी,” अदालत ने यह निर्देश मुरादाबाद स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/एमपी-एमएलए कोर्ट में लंबित कार्यवाही के संदर्भ में दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई आगामी तिथि पर की जाएगी।