इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फतेहपुर स्थित मदीना मस्जिद को गिराने पर लगी अंतरिम रोक को जुलाई में होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया है।
इससे पहले न्यायमूर्ति मनीष निगम ने 17 अप्रैल को मस्जिद को गिराए जाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। शुक्रवार को जब यह मामला सुनवाई में आया, तो दलीलें पूरी नहीं हो सकीं। ऐसे में न्यायमूर्ति निगम ने मामले को जुलाई के तीसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश को आगे बढ़ा दिया।
यह याचिका हाफिज हैदर अली, अध्यक्ष वक्फ सुन्नी मदीना मस्जिद कमेटी, द्वारा दाखिल की गई थी। उन्होंने जिला राजस्व अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67(5) के तहत पारित उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद को ग्राम सभा की भूमि पर अवैध कब्जा मानते हुए ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था।
याची के अधिवक्ता एस.एफ.ए. नक़वी ने दलील दी कि यह आदेश बिना न्यायसंगत प्रक्रिया का पालन किए, सिर्फ कब्जे के आरोप के आधार पर पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही अगस्त में शुरू हुई और महज 26 दिनों में पूरी कर दी गई, जिससे याची को साक्ष्य प्रस्तुत करने का उचित अवसर नहीं मिल सका।
नक़वी ने यह भी कहा कि ‘ऋषिपाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य’ (याचिका संख्या 1192/2013) मामले में हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया और याची की आपत्तियों पर कोई ठोस विचार किए बिना आदेश पारित कर दिया गया। अपील भी यथोचित रूप से निस्तारित नहीं की गई।
अदालत ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा:
“याची के अधिवक्ता का कहना है कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67 के तहत की गई कार्यवाही में याची की आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया गया और आदेश केवल इस आधार पर पारित कर दिया गया कि याची ने ग्राम सभा की भूमि पर अतिक्रमण किया है। याची द्वारा दाखिल अपील भी खारिज कर दी गई है।”
अब यह मामला जुलाई के तीसरे सप्ताह में पुनः सुना जाएगा, तब तक मस्जिद को गिराने पर लगी रोक प्रभावी रहेगी।