इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की याचिका खारिज कर दी है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी और प्रमुख उद्योगपतियों से कथित संबंधों से जुड़े मानहानि मामले में उनके खिलाफ आरोपों की वैधता को चुनौती देने की मांग की थी। लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने याचिका खारिज करते हुए इस बात पर जोर दिया कि खेड़ा को मुकदमे का सामना करना चाहिए।
यह कानूनी लड़ाई खेड़ा द्वारा फरवरी 2023 में की गई टिप्पणियों से उपजी है, जिसके कारण उनके खिलाफ वाराणसी, लखनऊ और असम के पुलिस स्टेशनों सहित कई एफआईआर दर्ज की गईं। इस मामले ने अपने राजनीतिक निहितार्थों और इसमें शामिल व्यक्तियों के कारण पूरे देश का ध्यान खींचा।
खेरा की याचिका का विरोध कर रहे सरकारी वकील वी के सिंह ने कहा कि इसी तरह की याचिकाओं को पहले भी खारिज किया जा चुका है और तर्क दिया कि मौजूदा याचिका में पुराने आधारों को फिर से पेश किया गया है। इस दावे ने याचिका को खारिज करने के अदालत के फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले सभी मामलों को गहन जांच के लिए हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एकीकृत कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप लखनऊ में सीजेएम की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। इस नवीनतम न्यायिक निर्णय के साथ, खेड़ा के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ने के लिए तैयार है, जो इस हाई-प्रोफाइल मानहानि मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है।