हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को सरकारी स्वामित्व वाली सड़क-सफाई मशीन की चोरी से जुड़े मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। शनिवार को न्यायमूर्ति समित गोपाल ने विस्तृत बहस के बाद यह फैसला सुनाया, जिसके बाद अदालत ने 2 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
राज्य सरकार में बदलाव के बाद वकार अली खान ने खान और उनके पांच अन्य लोगों के खिलाफ 2022 में मामला दर्ज कराया था। रामपुर जिले के कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत में उन पर रामपुर की नगर पालिका परिषद द्वारा मूल रूप से खरीदी गई सड़क-सफाई मशीन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। आरोपों से पता चलता है कि चोरी 2014 में हुई थी, जिसमें उनके राजनीतिक प्रभाव का लाभ उठाया गया था।
मामले को और जटिल बनाते हुए, चोरी की गई मशीन बाद में रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के परिसर में पाई गई, जो खान परिवार से निकटता से जुड़ा हुआ संस्थान है। इस खोज ने अधिकार के दुरुपयोग और सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग के आरोपों को और बल दिया है।