दरगाह में उर्स पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा: क्या है आपकी वैधानिक पात्रता?

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को बहरेच स्थित सय्यद सालार मसूद गाज़ी की दरगाह पर उर्स आयोजित करने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका की पोषणीयता (maintainability) पर सवाल उठाया।

न्यायमूर्ति ए.आर. मसीदी और न्यायमूर्ति ए.के. श्रीवास्तव (प्रथम) की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से पहले यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उन्हें इस मामले में मुकदमा दायर करने का वैधानिक अधिकार (locus standi) प्राप्त है। अदालत ने उन्हें इस बिंदु पर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया और अगली सुनवाई की तिथि 19 मई निर्धारित की।

READ ALSO  अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में कोई "संवैधानिक धोखाधड़ी" नहीं: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

यह याचिका वक्फ संख्या 19 दरगाह शरीफ, बहरेच द्वारा दायर की गई है, जिसने खुद को वार्षिक उर्स का आयोजक बताया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने तर्क दिया कि धार्मिक आयोजन पर लगाया गया प्रतिबंध मनमाना और भेदभावपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों की अनुमति दी जाती है, तो उर्स पर रोक लगाना धर्म के आधार पर भेदभाव है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, जो नागरिकों को धर्म की स्वतंत्र अभिव्यक्ति और पालन का अधिकार देता है।

Video thumbnail

हालांकि पीठ ने साफ कहा कि याचिका की पोषणीयता पर संतुष्ट हुए बिना वह आगे की सुनवाई नहीं करेगी। “इस पहलू पर संतोष प्राप्त किए बिना हम आगे नहीं बढ़ेंगे,” अदालत ने मिश्रा से कहा।

READ ALSO  वक्फ अधिनियम, 2025 पर अंतरिम राहत याचिकाओं पर 20 मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

मामले की तात्कालिकता को देखते हुए मिश्रा ने शनिवार को सुनवाई की अपील की और आश्वासन दिया कि वह याचिकाकर्ताओं की पात्रता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। लेकिन पीठ ने यह अनुरोध यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि शनिवार को न्यायालय अवकाश पर रहेगा। हालांकि, अदालत ने मिश्रा को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष विशेष पीठ गठित कराने हेतु आवेदन देने की अनुमति दी।

READ ALSO  झूठी FIR दर्ज करने और बलात्कार के झूठे गंभीर आरोप लगाने की प्रथा को अनुमति नहीं दी जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10,000/- का जुर्माना लगाया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles