इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजूखाना क्षेत्र का पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI सर्वे) कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 4 जुलाई तय की है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों को धार्मिक स्थलों से संबंधित मामलों में किसी भी तरह का आदेश पारित करने से फिलहाल रोका हुआ है।
यह याचिका राखी सिंह द्वारा दायर की गई है, जिसमें वाराणसी जिला न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एएसआई को वजूखाना क्षेत्र के उस हिस्से को छोड़कर (जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष फव्वारा बताता है) किसी भी प्रकार का सर्वेक्षण करने से रोका गया था।
याचिका में कहा गया है कि पूरे वजूखाना क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वे आवश्यक है, जिससे संपत्ति के धार्मिक स्वरूप का निर्धारण हो सके और अदालत एक निष्पक्ष और न्यायसंगत निर्णय पर पहुंच सके। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि यह सर्वे दोनों पक्षों — वादियों और प्रतिवादियों — के लिए लाभकारी होगा।

गौरतलब है कि जुलाई 2023 में वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश पर एएसआई ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पहले ही किया है और रिपोर्ट अदालत में जमा कर दी गई है। यह सर्वे इस प्रश्न की जांच के लिए किया गया था कि क्या मस्जिद किसी पूर्ववर्ती हिंदू मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी।
हालांकि, वजूखाना क्षेत्र को इस सर्वे से बाहर रखा गया था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उस क्षेत्र को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। राखी सिंह की याचिका का उद्देश्य है कि इस प्रतिबंध को हटाया जाए ताकि पूरे क्षेत्र का सर्वे हो सके।
हाईकोर्ट ने फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है।