सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक संभावित आरोपी को सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन खारिज करने के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 401 के तहत पुनरीक्षण कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है।
यह फैसला संतकुमारी और अन्य v तमिलनाडु राज्य और अन्य के मामले में दायर एक अपील के हिस्से के रूप में आया।
इस विशेष मामले में, अभियुक्तों को नोटिस जारी किए बिना उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने इसलिए, उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और मामले को नए सिरे से तय करने के लिए वापस भेज दिया।
पीठ ने मनहरभाई मुलजीभाई कपाड़िया और अन्य बनाम शैलेशभाई मोहनभाई पटेल और अन्य, और बाल मनोहर जालान बनाम सुनील पासवान के फैसलों पर भरोसा करते हुए कहा कि एक आरोपी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 401 के तहत कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है।
नतीजतन, संभावित अभियुक्तों की सुनवाई के बाद मामले पर नए सिरे से फैसला किया जाना है।
केस का शीर्षक: संतकुमारी व अन्य। v तमिलनाडु राज्य और अन्य।