2013 के दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम ने सोमवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के समक्ष स्वास्थ्य जांच कराई। यह जांच राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर कराई गई।
जमानत विस्तार का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने 11 अगस्त को आसाराम को दी गई अंतरिम जमानत 29 अगस्त तक बढ़ा दी थी। अदालत ने अस्पताल प्रशासन को आदेश दिया था कि एक विशेषज्ञ पैनल गठित किया जाए, जिसमें एक हृदय रोग विशेषज्ञ और एक न्यूरोलॉजिस्ट शामिल हों, और उसकी विस्तृत रिपोर्ट 27 अगस्त तक अदालत में प्रस्तुत की जाए।
स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
आसाराम के कानूनी प्रबंधक विकास खेमका ने बताया कि 86 वर्षीय आसाराम दिल के मरीज हैं। इंदौर स्थित एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां डॉक्टरों ने बाईपास सर्जरी की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “अदालत के आदेशानुसार विस्तृत मेडिकल जांच आवश्यक है ताकि रिपोर्ट के आधार पर आगे राहत पर विचार किया जा सके।”

गुजरात हाईकोर्ट से भी राहत
राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश गुजरात हाईकोर्ट से मिली राहत के कुछ दिन बाद आया। गुजरात हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को आसाराम की अस्थायी जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी थी। न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति पी.एम. रावल की खंडपीठ ने पाया कि आसाराम की हालत गंभीर थी और वह निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई को आदेश दिया था कि आसाराम स्वास्थ्य बिगड़ने की स्थिति में हाईकोर्ट से जमानत बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं।
कानूनी पृष्ठभूमि
आसाराम को 2013 में जोधपुर आश्रम में एक नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उन्हें गांधीनगर की एक अदालत ने भी 2013 के एक अन्य दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया था। फिलहाल राजस्थान और गुजरात की अदालतें उनके अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्रों पर स्वास्थ्य आधार पर सुनवाई कर रही हैं।