दिल्ली हाईकोर्ट ने आगामी शीतकालीन अवकाश 2025 (Winter Vacation 2025) के दौरान तत्काल प्रकृति के मामलों की सुनवाई के लिए जजों की विशेष बेंच और रोस्टर की घोषणा कर दी है। चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अवकाश के दौरान कोर्ट का कामकाज कैसे संचालित होगा और कौन से जज किस अवधि में सुनवाई के लिए उपलब्ध रहेंगे।
शीतकालीन अवकाश के लिए जजों का रोस्टर
अधिसूचना संख्या 118/Estt/EI-I/DHC के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट में 25 दिसंबर 2025 से 4 जनवरी 2026 तक अलग-अलग समय अवधि के लिए विशेष बेंचों का गठन किया गया है। यह बेंच तत्काल दीवानी (Civil) और आपराधिक (Criminal) मामलों को सुनेंगी। रोस्टर का विवरण इस प्रकार है:
- 25 दिसंबर से 28 दिसंबर 2025: इस अवधि के दौरान जस्टिस विकास महाजन और जस्टिस विनोद कुमार की बेंच सुनवाई करेगी।
- 29 दिसंबर से 30 दिसंबर 2025: तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए जस्टिस सचिन दत्ता और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर उपलब्ध रहेंगे।
- 31 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026: नए साल के मौके पर जस्टिस सचिन दत्ता और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच कार्यभार संभालेगी।
- 2 जनवरी से 4 जनवरी 2026: अवकाश के अंतिम चरण में जस्टिस शैल जैन और जस्टिस मधु जैन की बेंच सुनवाई करेगी।
सुनवाई की प्रक्रिया और समय सारिणी
रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज द्वारा हस्ताक्षरित इस अधिसूचना में कोर्ट की कार्यवाही को लेकर कुछ अहम दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं:
- डिवीजन और सिंगल बेंच: नामित माननीय न्यायाधीश मुख्य रूप से डिवीजन बेंच में बैठेंगे। हालांकि, वे आवश्यकतानुसार एकल जज (Single Judge) के रूप में भी तत्काल मामलों की सुनवाई कर सकते हैं।
- बैठने के दिन और समय: आमतौर पर अवकाश के दौरान जजों की बेंच सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बैठेगी। कोर्ट की कार्यवाही सुबह 10:30 बजे शुरू होगी। यदि किसी दिन के लिए निर्धारित मामले उस दिन पूरे नहीं हो पाते हैं, तो सुनवाई अगले दिन भी जारी रह सकती है।
- आकस्मिक स्थिति के लिए निर्देश: अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी अपरिहार्य कारणवश डिवीजन बेंच का कोई एक जज अनुपस्थित रहता है, तो दूसरे जज अकेले कोर्ट में बैठ सकते हैं। हालांकि, इसमें एक सख्त शर्त यह है कि अकेले बैठे जज डिवीजन बेंच के मामलों को खारिज (Dismiss) नहीं करेंगे।
यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सर्दियों की छुट्टियों के दौरान भी न्याय चाहने वालों के लिए हाईकोर्ट के दरवाजे खुले रहें और जरूरी मामलों में कोई विलंब न हो। इस अधिसूचना की प्रति सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल, सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और बार एसोसिएशनों को भेज दी गई है।

