सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में बड़ी अंतरिम राहत दी है। अदालत ने उनकी सजा पर आंशिक रूप से रोक लगाते हुए स्पष्ट किया कि फिलहाल उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त नहीं होगी, हालांकि वे किसी भी “लाभ के पद” पर नहीं रह सकेंगे।
यह आदेश अवकाशकालीन पीठ ने पारित किया, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति सूर्यकांत कर रहे थे। पीठ ने कोकाटे की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले में जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सजा पर रोक केवल इस सीमा तक होगी कि उससे विधायक पद की अयोग्यता नहीं लगेगी। साथ ही यह शर्त भी जोड़ी गई कि जब तक मामला लंबित है, कोकाटे किसी भी सरकारी या लाभ के पद पर कार्य नहीं कर सकेंगे।
गौरतलब है कि नासिक की सत्र अदालत ने हाल ही में मजिस्ट्रेट अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें कोकाटे को फरवरी में दो साल की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला था कि कोकाटे और उनके भाई ने राज्य सरकार को गुमराह कर अपने पक्ष में फ्लैट आवंटित कराए थे।
सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश से कोकाटे को फिलहाल राजनीतिक स्तर पर राहत मिली है, लेकिन उनके खिलाफ दोषसिद्धि की वैधता पर अंतिम फैसला आगे की सुनवाई के बाद ही होगा।

