ईडब्ल्यूएस आवास योजना मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे को जमानत दी, सजा निलंबित; दोषसिद्धि पर रोक से इनकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सरकारी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आवास योजना से जुड़े धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को जमानत दे दी और उनकी दो साल की सजा को निलंबित कर दिया। हालांकि, अदालत ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया सामग्री उनके अपराध में संलिप्तता की ओर इशारा करती है।

न्यायमूर्ति आर एन लड्ढा ने सजा निलंबन की अर्जी स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि दोषसिद्धि पर रोक देना उचित नहीं है। अदालत ने कहा,
“केवल सजा निलंबित होने के आधार पर किसी आपराधिक अपराध में दोषसिद्ध व्यक्ति को मंत्रिमंडल पद पर बने रहने की अनुमति देना सार्वजनिक सेवा को गंभीर और अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा।”

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेताओं से पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर पश्चाताप जताने को कहा

कोकाटे पर आरोप था कि उन्होंने अपनी आय के संबंध में झूठे हलफनामे दाखिल कर ईडब्ल्यूएस आवास योजना के तहत एक फ्लैट हासिल किया। हाईकोर्ट ने यह भी नोट किया कि कोकाटे मजिस्ट्रेट अदालत में चले मुकदमे के दौरान और सत्र अदालत में अपील लंबित रहने तक लगातार जमानत पर थे। अदालत ने कहा कि चूंकि सजा की अवधि केवल दो वर्ष है, इसलिए जमानत देने के पक्ष में झुकाव है।

अदालत ने कहा, “सजा निलंबन की अर्जी स्वीकार की जाती है,” और नासिक सत्र अदालत के उस आदेश के खिलाफ दायर कोकाटे की पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया, जिसमें उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था। हाईकोर्ट ने कोकाटे को एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया।

READ ALSO  सौतेले बच्चों के प्रति क्रूरता पति के खिलाफ क्रूरता मानी जाएगी, जो तलाक का आधार है: केरल हाईकोर्ट

सुनवाई के दौरान, कोकाटे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने अदालत को बताया कि उन्हें बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी एंजियोग्राफी की गई है और शुक्रवार दोपहर SOS एंजियोप्लास्टी की जानी है। इस जमानत अर्जी का सरकारी पक्ष से लोक अभियोजक माणिकुंवर देशमुख ने विरोध किया।

इससे पहले, नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को कोकाटे की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। इसके बाद गुरुवार रात उन्होंने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जहां उनके पास खेल और युवा कल्याण विभाग का प्रभार था। गिरफ्तारी वारंट तामील करने के लिए नासिक पुलिस की एक टीम गुरुवार देर रात बांद्रा पहुंची थी।

कोकाटे के खिलाफ मामला 1989 से 1992 के बीच का है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनी सरकारी आवास योजना से जुड़ा है, जिसमें वार्षिक आय सीमा 30,000 रुपये तय थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने झूठे आय संबंधी हलफनामे देकर योजना के तहत फ्लैट हासिल किया।

READ ALSO  Bombay HC Grants Interim Protection to Rakhi Sawant in Obscene Video Case Until Tomorrow

मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषसिद्धि के दौरान अंगूर और रबी फसलों के लिए लिए गए बैंक ऋण, साथ ही कोपरगांव सहकारी साखर कारखाना (शुगर फैक्ट्री) से जुड़े रिकॉर्ड का हवाला दिया था। अदालत ने कहा था कि इन दस्तावेजों से स्पष्ट है कि कोकाटे एक संपन्न किसान थे और उनकी आय ईडब्ल्यूएस योजना की पात्रता सीमा से कहीं अधिक थी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles