केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस और राज्य चुनाव आयोग (SEC) को निर्देश दिया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए संवेदनशील और अतिसंवेदनशील माने गए बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग व्यवस्था और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती जैसी कठोर व्यवस्थाएं की जाएं।
न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने यह निर्देश उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया, जिनमें उम्मीदवारों, बूथ एजेंटों और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने अपने इलाकों में बूथ कैप्चरिंग और कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याओं की आशंका जताई थी। कुछ याचिकाओं में उम्मीदवार और उनके बूथ एजेंटों ने प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा शारीरिक हमले की आशंका भी व्यक्त की।
याचिकाकर्ताओं ने संवेदनशील बूथों पर वेबकास्टिंग या वीडियोग्राफी व्यवस्था और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि राज्य पुलिस प्रमुख ने पूरी राज्य में चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था कर दी है।
SEC ने अदालत को बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) उन स्थानों पर वीडियोग्राफी की अनुमति दे सकते हैं जहां उम्मीदवारों या एजेंटों को कदाचार की आशंका हो, बशर्ते इसका खर्च उम्मीदवार वहन करें। यदि याचिका में उठाई गई चिंताएँ उचित प्रतीत हों तो DEO राज्य चुनाव आयोग की पूर्व अनुमति लेकर इसकी अनुमति दे सकते हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि कोई याचिकाकर्ता अपने बूथ पर वीडियोग्राफी चाहता है, तो वे संबंधित DEO को आवेदन दें और उचित आधार पाए जाने पर DEO इसे आवेदकों के खर्च पर स्वीकृत करें। इसी प्रकार, यदि उम्मीदवार या बूथ एजेंट सुरक्षा की मांग करते हैं, तो वे संबंधित जिला पुलिस प्रमुख को आवेदन देकर कानून के अनुरूप सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
अदालत ने गुरुवार को भी इसी तरह के कई मामलों में यही आदेश दिया था, जिनमें से अधिकांश याचिकाएं कन्नूर जिले से थीं। बड़ी संख्या में याचिकाएं कन्नूर से आने पर अदालत ने टिप्पणी की कि केरल के लोग क्यों सोचते हैं कि राज्य का यह जिला राजनीतिक हिंसा का केंद्र है।
अदालत ने कहा, “कन्नूर के लोग इस चुनाव में जागें और पूरे राज्य को दिखाएं कि यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित हो सकते हैं। कन्नूर जिले के लोगों और पुलिस तंत्र को आगे आकर इस बुरे लेबल को हटाना होगा।”
इन निर्देशों के साथ हाई कोर्ट का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सतर्कता बढ़ाना है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सकें।

