मानहानि मामला: तेजिंदर बग्गा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा- सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट से मेरी साख और चरित्र पर ‘हमला’ हुआ

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो प्रमुख चेहरों के बीच चल रही कानूनी लड़ाई ने नया मोड़ ले लिया है। बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा उनके अतीत को लेकर किया गया ट्वीट “पूरी तरह से झूठा” था और यह सीधे तौर पर उनकी ईमानदारी व चरित्र पर हमला था।

बग्गा ने यह जवाब जस्टिस रविंदर डुडेजा के समक्ष दायर किया है, जो वर्तमान में स्वामी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। गौरतलब है कि एक निचली अदालत ने मानहानि के मामले में स्वामी को समन जारी किया था, जिसे चुनौती देते हुए स्वामी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है।

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इस विवाद की जड़ें सितंबर 2021 के एक ट्वीट से जुड़ी हैं। आरोप है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में दावा किया था कि बीजेपी में शामिल होने से पहले, बग्गा को नई दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन द्वारा “छोटे-मोटे अपराधों के लिए कई बार जेल भेजा गया था।”

हाईकोर्ट में अपने जवाब में, बग्गा ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ने उन्हें कभी भी गिरफ्तार नहीं किया और न ही कभी जेल भेजा। बग्गा ने कोर्ट को बताया कि “आपराधिक इतिहास” का आरोप लगाने वाला यह ट्वीट न केवल बेबुनियाद है, बल्कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है।

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सोशल मीडिया पोस्ट के गंभीर परिणामों को रेखांकित करते हुए, बग्गा के जवाब में खुलासा किया गया कि इन आरोपों के कारण उन्हें बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने तलब किया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने अदालत में जोर देकर कहा कि सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण संपत्ति होती है।

बग्गा ने अपने जवाब में कहा, “प्रतिष्ठा राजनीतिक नियुक्तियों से नहीं, बल्कि समाज के प्रबुद्ध और सही सोच वाले सदस्यों की नजरों में सम्मान से मापी जाती है।”

‘पत्रकारों से मिली जानकारी’ का बचाव खारिज

बग्गा ने स्वामी के उस बचाव को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि यह ट्वीट “दिल्ली के पत्रकारों” से मिली जानकारी पर आधारित था। इस दावे को नकारते हुए, बग्गा की ओर से कहा गया कि स्वामी को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) का दुरुपयोग करने और दंड के भय के बिना झूठे व अपमानजनक बयान देने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

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जवाब में यह भी उल्लेख किया गया कि स्वामी का “ट्विटर पर विवादास्पद बयान देने का इतिहास” रहा है।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रविंदर डुडेजा ने सुब्रमण्यम स्वामी के वकील को बग्गा के जवाब पर प्रत्युत्तर (rejoinder) दाखिल करने के लिए समय दिया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध की है।

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