कर्नाटक सरकार के अनिवार्य ‘मेंस्ट्रुअल लीव’ आदेश को चुनौती: बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन हाई कोर्ट पहुँचा

बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन (BHA) ने राज्य सरकार के हालिया आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को हर महीने एक दिन की अनिवार्य मेंस्ट्रुअल लीव देने का निर्देश दिया गया है। एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह की छुट्टी को अनिवार्य बनाने का कोई वैधानिक आधार नहीं है और सरकार ने खुद अपने विभागों में ऐसी सुविधा लागू नहीं की है।

सरकार का आदेश क्या कहता है

12 नवंबर 2025 को श्रम विभाग ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें फैक्ट्रीज़ एक्ट, 1948, कर्नाटक शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टैब्लिशमेंट्स एक्ट, 1961, प्लांटेशन्स लेबर एक्ट, 1951, बीड़ी एंड सिगार वर्कर्स एक्ट, 1966 और मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट, 1961 के दायरे में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया गया कि वे महिलाओं को प्रति माह एक दिन की मेंस्ट्रुअल लीव — साल में कुल 12 दिन — प्रदान करें।
यह लाभ स्थायी, संविदा और आउटसोर्स सभी प्रकार की महिला कर्मचारियों पर लागू किया गया है।

READ ALSO  SC कॉलेजियम ने हाईकोर्ट्स में तीन मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की

याचिका में क्या कहा गया है

BHA का कहना है कि अधिसूचना में जिन कानूनों का हवाला दिया गया है, वे सरकार को इस प्रकार की अनिवार्य छुट्टी घोषित करने का अधिकार नहीं देते। एसोसिएशन ने दलील दी कि अवकाश-नीतियाँ किसी भी संगठन का आंतरिक प्रशासनिक विषय हैं और सरकार सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

याचिका में आदेश को “भेदभावपूर्ण” भी बताया गया है, यह कहते हुए कि राज्य सरकार, जो महिलाओं की सबसे बड़ी नियोक्ताओं में से एक है, ने अपने कर्मचारियों को ऐसी सुविधा नहीं दी है।

इस मामले में एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता बी. के. प्रशांत पेश हो रहे हैं।

READ ALSO  बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा को दी अंतरिम राहत, गिरफ्तारी पर रोक, जांच जारी रखने की अनुमति

अगली सुनवाई कब

BHA के मानद अध्यक्ष पी. सी. राव के अनुसार, यह याचिका जल्द ही न्यायमूर्ति ज्योति मूलिमणी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होने की संभावना है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles