दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘Tesla Power’ ट्रेडमार्क के उपयोग पर लगाई रोक; उपभोक्ताओं को भ्रमित करने की आशंका जताई

 दिल्ली हाई कोर्ट ने अमेरिकी कंपनी टेस्ला इंक के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करते हुए भारतीय कंपनी टेस्ला पावर इंडिया को Tesla Power, Tesla Power USA या इससे मिलते-जुलते किसी भी ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक दिया है। आदेश ईवी निर्माण, बैटरियों, इन्वर्टर्स, विज्ञापन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर इस्तेमाल को भी प्रतिबंधित करता है।

कोर्ट ने अंतिम सुनवाई तक ‘Tesla’ नाम के उपयोग पर पूर्ण रोक लगाई

24 नवंबर को पारित और 26 नवंबर की रात वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए 52-पन्नों के आदेश में जस्टिस तेजस कारिया ने कहा कि टेस्ला इंक ने अपने पूर्व उपयोग, अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और पंजीकरणों के आधार पर मजबूत prima facie केस स्थापित किया है।

सुनवाई के दौरान टेस्ला पावर इंडिया की ओर से यह बयान भी दिया गया कि वह इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की कोई योजना नहीं रखती और अंतिम निर्णय आने तक किसी भी ईवी—अपनी या किसी अन्य कंपनी की—को Tesla Power, Tesla Power USA या ऐसे मिलते-जुलते ब्रांड नामों से बाजार में नहीं उतारेगी।

कोर्ट ने यह प्रतिबंध केवल ईवी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कंपनी के अन्य उत्पादों और सेवाओं तक बढ़ा दिया।

READ ALSO  कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से किया इनकार

“उपरोक्त वक्तव्य इंटरनेट और ई–कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म सहित किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सभी प्रकार के ऑटोमोबाइल्स के लिए लेड–एसिड बैटरियों, इन्वर्टर और यूपीएस के उपयोग, विज्ञापन, सेवा प्रदान करने, बिक्री या व्यापार पर भी लागू होगा,” आदेश में कहा गया।

टेस्ला का तर्क: भारतीय कंपनी हमारी वैश्विक साख का लाभ उठा रही है

टेस्ला इंक ने अदालत का रुख करते हुए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी, दावा किया कि भारतीय कंपनी के मार्क्स में TESLA शब्द प्रमुख रूप से उपयोग किया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को यह गलत धारणा हो सकती है कि दोनों संस्थाएं आपस में जुड़ी हैं।

कोर्ट ने इस तर्क से सहमति जताते हुए कहा कि Tesla Power USA नाम अपनाना टेस्ला की प्रतिष्ठा का लाभ उठाने जैसा प्रतीत होता है।

READ ALSO  लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई 'धीमी' नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा; सत्र अदालत को भविष्य के घटनाक्रमों से अवगत कराने को कहा

कोर्ट ने कहा कि यह नाम:

“ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राहकों को यह विश्वास दिलाने के इरादे से अपनाया गया है कि प्रतिवादी जिस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, वह USA से आई है और उनका संबंध वादी कंपनी से है, जो USA में स्थित है।”

सुविधा का संतुलन टेस्ला इंक के पक्ष में

जस्टिस कारिया ने कहा कि यदि अंतरिम निषेधाज्ञा न दी जाए तो टेस्ला इंक को गंभीर हानि होने की आशंका है।

READ ALSO  सिविल मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए नियमित रूप से आदेश नहीं दिया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

“निषेधाज्ञा एक इक्विटी–आधारित राहत है… और यह वादी के पक्ष तथा प्रतिवादियों के विरुद्ध जाती है। सुविधा का संतुलन भी वादी के पक्ष में है,” अदालत ने कहा।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles