दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिसंबर 2023 संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के तीन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि संसद की कार्यवाही में किसी भी तरह का व्यवधान अस्वीकार्य है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, “आप संसद को बाधित नहीं कर सकते… यह संदेश साफ और स्पष्ट रूप से दिया जाना चाहिए।” अदालत ने आगे की दलीलों के लिए सुनवाई 15 जनवरी तक स्थगित कर दी।
अदालत में मनोरंजन डी, सागर शर्मा और ललित झा की जमानत याचिकाओं पर विचार किया जा रहा था। सुनवाई के दौरान मनोरंजन डी के वकील ने बताया कि दो अन्य सह-आरोपी – नीलम आज़ाद और महेश कुमावत – को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन और संसद के भीतर अव्यवस्था फैलाने में बड़ा अंतर है।
यह मामला 13 दिसंबर 2023 को संसद हमले की वर्षगांठ के दिन हुए बड़े सुरक्षा उल्लंघन से जुड़ा है, जब आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी कथित रूप से लोकसभा की आगंतुक दीर्घा से छलांग लगाकर सदन में पहुंचे, पीले रंग का धुआं छोड़ने वाले कनस्तर फोड़े और नारेबाजी की। सांसदों ने तुरंत उन्हें काबू में किया।
उसी समय बाहर संसद परिसर में दो अन्य आरोपी — अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद — भी “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाते हुए रंगीन गैस के कनस्तर फोड़ रहे थे।
घटना स्थल से चार आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया, जबकि ललित झा और महेश कुमावत को बाद में हिरासत में लिया गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को होगी।




