सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्ज़ामिनेशन्स (NBE) को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करे कि नीट-पीजी (NEET-PG) परीक्षा की आंसर की (उत्तर कुंजी) सार्वजनिक करने को लेकर उसकी नीति क्या है।
न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की पीठ ने यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया जिनमें नीट-पीजी परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने की मांग की गई है। याचिकाओं में विशेष रूप से आंसर की जारी करने को लेकर निर्देश मांगे गए थे।
सुनवाई के दौरान एनबीई की ओर से पेश वकील ने कहा कि ये याचिकाएं कुछ कोचिंग संस्थानों द्वारा आगे बढ़ाई जा रही हैं ताकि उन्हें प्रश्न-पुस्तिकाओं की आंसर की मिल सके। उन्होंने तर्क दिया कि इससे परीक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पीठ ने हालांकि बोर्ड से अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा और इसे लेकर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
इससे पहले 26 सितंबर को न्यायमूर्ति जे. बी. पारडीवाला और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किया था। उस समय भी याचिकाओं में नीट-पीजी 2025 की आंसर की प्रकाशित करने और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को दिए गए एक आदेश में पारदर्शिता के लिए रॉ स्कोर, आंसर की और नॉर्मलाइजेशन फार्मूला प्रकाशित करने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उम्मीदवारों को आंसर की या रॉ स्कोर की जानकारी न मिलने से मूल्यांकन और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
अब अदालत ने एनबीई को अपनी नीति स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है। इसके बाद मामला आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।




