उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल पुलिस को रामनगर के भाजपा नेता मदन जोशी के खिलाफ कार्रवाई करने और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह आदेश उस मामले में दिया जिसमें 23 अक्टूबर को छौई क्षेत्र में बीफ ले जाने के संदेह में एक चालक की पिटाई की गई थी।
यह आदेश नूरजहां, चालक नासिर की पत्नी, द्वारा दायर सुरक्षा याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। नूरजहां की ओर से पेश हुई अधिवक्ता मृणाल कंवर ने अदालत को बताया कि मदन जोशी हिंसा से पहले लगातार फेसबुक पर भड़काऊ बयान और लाइव वीडियो पोस्ट कर रहे थे।
नूरजहां की शिकायत पर मदन जोशी, राजू रावत, सागर मनराल, पंकज और करण सहित 20 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने पुलिस को आदेश दिया कि मदन जोशी या उनके समर्थक सोशल मीडिया पर कोई उकसाने वाला या भड़काऊ कंटेंट पोस्ट न करें, और पहले से डाली गई सभी भड़काऊ पोस्ट को तुरंत फेसबुक से हटाया जाए।
सुबह की सुनवाई में पुलिस ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दोपहर 2 बजे तक का समय मांगा था। दोपहर में जब सुनवाई फिर शुरू हुई, तो नैनीताल पुलिस ने अदालत को बताया कि दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि 23 अक्टूबर को जब्त किया गया मांस भैंस का था, और उसके परिवहन के लिए वैध लाइसेंस और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट बरेली के एक सप्लायर द्वारा जारी किया गया था।
अदालत ने निर्देश दिया कि पुलिस सुप्रीम कोर्ट के ‘तहसीन पूनावाला बनाम भारत संघ’ मामले में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करे। इन दिशा-निर्देशों में भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग की रोकथाम के लिए निवारक, सुधारात्मक और दंडात्मक उपायों का प्रावधान है।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि जांच के दौरान पुलिस को किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए।
अब अदालत पुलिस द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली स्थिति रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की निगरानी करेगी।




