इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद जिला प्रशासन के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) को उसका जिला कार्यालय संचालित करने वाले बंगले को खाली करने का निर्देश दिया गया था।
मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने 16 सितंबर 2025 को कोठी नंबर 4, चक्कर की मिल क्षेत्र, सिविल लाइंस की आवंटन रद्द कर दी थी। यह बंगला पिछले 31 वर्षों से मुलायम सिंह यादव के नाम पर था। डीएम ने बंगला 30 दिनों के भीतर खाली करने का नोटिस भी जारी किया था।
इसके बाद 6 अक्टूबर को स्थानीय प्रशासन ने बलपूर्वक बंगले का कब्जा लेने की कोशिश की। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने 10 अक्टूबर तक का समय मांगा था ताकि वे बंगला खाली कर सकें।
इस कार्रवाई के खिलाफ सपा नेता जयवीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा और न्यायमूर्ति सत्यवीर सिंह की खंडपीठ ने की।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि डीएम की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण और अधिकार क्षेत्र से परे है क्योंकि आवंटन में कोई अवैधता नहीं थी। वकील ने यह भी तर्क दिया कि यह संपत्ति नगर निगम की है, इसलिए डीएम को इसे खाली कराने या कब्जा लेने का कोई अधिकार नहीं है।
जिला प्रशासन की ओर से यह दलील दी गई कि यह बंगला राज्य सरकार की संपत्ति है और नगर निगम सिर्फ उसका संरक्षक (patron) है। इसलिए डीएम द्वारा जारी नोटिस में कोई गैरकानूनी बात नहीं है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने डीएम का आदेश रद्द कर दिया, और मुरादाबाद प्रशासन को सपा को बंगले से बेदखल करने से रोका। अदालत ने कहा कि संपत्ति के स्वामित्व और अधिकार क्षेत्र से जुड़े तथ्यों को देखते हुए प्रशासनिक कार्रवाई कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।




