उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक राहुल के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति देने वाले राज्य सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह मामला कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पंखरो क्षेत्र में कथित अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकल पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि यह मामला “गंभीर संवैधानिक और कानूनी प्रश्न” उठाता है, जिन पर अंतिम सुनवाई में विस्तार से विचार किया जाएगा। अगली सुनवाई की तारीख 11 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।
सीबीआई इस समय कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पंखरो क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के आरोपों की जांच कर रही है। सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर, राज्य सरकार ने 4 सितंबर 2025 को कई अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी थी। उस समय राहुल का नाम इसमें शामिल नहीं था।

बाद में 16 सितंबर 2025 को राज्य सरकार ने एक नया आदेश जारी कर राहुल के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी। इसी आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
राहुल की ओर से कहा गया कि जब एक बार राज्य सरकार अभियोजन की स्वीकृति देने से इनकार कर चुकी थी, तो वही प्राधिकारी पुनर्विचार कर दोबारा स्वीकृति नहीं दे सकता। ऐसा करना स्थापित कानूनी सिद्धांतों का उल्लंघन है और प्रशासनिक अंतिमता को कमजोर करता है।
सीबीआई ने दलील दी कि अभियोजन की स्वीकृति पर्याप्त साक्ष्यों और विधिक सलाह के आधार पर दी गई है। इस स्तर पर आदेश पर रोक लगाना उचित नहीं है।
अदालत ने कहा कि एक सेवाधीन अधिकारी के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई से उसके सेवा जीवन और प्रतिष्ठा को “अपूरणीय क्षति” हो सकती है। इसलिए न्यायमूर्ति नैथानी ने राज्य सरकार के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी।
अदालत ने राज्य सरकार और सीबीआई को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करना होगा।