उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान कांग्रेस के पांच जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण के मामले में CID द्वारा अब तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल न करने पर नाराज़गी जताई है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि पिछले आदेशों के बावजूद फरार आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 17 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले विस्तृत प्रगति रिपोर्ट दाखिल की जाए।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकारी प्रतिनिधि और चार जांच अधिकारी अदालत में पेश हुए और बताया कि मामले में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। हालांकि, अदालत इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और जांच की मौजूदा स्थिति से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी।

याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा अधिक समय मांगे जाने का विरोध करते हुए मांग की कि जांच CID के बजाय किसी उच्च स्तर की एजेंसी को सौंपी जाए, क्योंकि अब तक की जांच संतोषजनक नहीं रही है। अदालत ने यह भी नाराज़गी जताई कि चुनाव के दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई और सरकार को अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया।
यह मामला 14 अगस्त को हुए नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव से जुड़ा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि पार्टी के पांच जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर उन्हें मतदान से रोका गया। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इन सदस्यों को सुरक्षा में मतदान के लिए भेजा गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि घटना से जुड़ी सभी एफआईआर की जांच CBI-CID द्वारा की जाएगी।