झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग से स्पष्ट तौर पर यह बताने को कहा कि राज्य में लम्बे समय से लंबित पड़े नगर निकाय चुनाव आखिर कब तक कराए जाएंगे।
न्यायमूर्ति आनंद सेन इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। यह अवमानना याचिका पूर्व वार्ड पार्षद रोशनी खलखो द्वारा दायर की गई थी, जिसमें सरकार पर आरोप लगाया गया है कि हाईकोर्ट के जनवरी 2024 के आदेश के बावजूद अब तक चुनाव नहीं कराए गए। उस आदेश में सरकार को तीन सप्ताह के भीतर नगर निकाय चुनाव संपन्न कराने के निर्देश दिए गए थे।
सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना डाडेल और शहरी विकास विभाग के सचिव ज्ञानेंद्र कुमार अदालत में मौजूद थे।

बेंच ने राज्य सरकार की सुस्त गति पर नाराज़गी जताई और अधिकारियों को फटकार लगाई। अदालत ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह एक निश्चित तिथि बताए, जिसके भीतर नगर निकाय चुनाव कराए जा सकें।
इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। अदालत ने निर्देश दिया है कि उस दिन भी ये वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहें।
एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि नगर निकाय चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि चुनाव संबंधी रिपोर्ट जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा ताकि चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सके।
निर्वाचन आयोग ने अदालत को बताया कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद उसे चुनाव कराने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। हालांकि, अदालत आयोग की इस प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हुई और उसे हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट टाइमलाइन देने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता रोशनी खलखो के अधिवक्ता बिनोद सिंह ने अदालत को याद दिलाया कि 4 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर नगर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके बावजूद चुनाव न होने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।