नई दिल्ली: दिवाली से पहले एक अहम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर लगी संपूर्ण पाबंदी में आंशिक राहत दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन प्रमाणित ‘ग्रीन पटाखे’ फोड़े जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए सख्त शर्तें तय की गई हैं जिनमें निश्चित समय सीमा और निर्धारित स्थानों पर ही इनके उपयोग की अनुमति शामिल है।
यह फैसला उस पूर्ण प्रतिबंध में संशोधन है जो सर्दियों के त्योहारी मौसम में खतरनाक स्तर के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लगाया गया था।
कोर्ट के दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष दिवाली के लिए पटाखों के उपयोग पर निम्नलिखित शर्तें लागू की हैं:

1. पटाखों का प्रकार: केवल प्रमाणित ‘ग्रीन पटाखे’ ही चलाने की अनुमति होगी। ये ऐसे पटाखे हैं जिनसे कम प्रदूषण होता है और जो निर्धारित रासायनिक मानकों को पूरा करते हैं। पारंपरिक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा।
2. अनुमत तिथियां: यह छूट केवल दो दिनों के लिए होगी—दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के मुख्य दिन पर।
3. सख्त समय सीमा: ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दो तय समय स्लॉट में कुल तीन घंटे प्रतिदिन ही दी गई है:
- सुबह 6:00 बजे से 7:00 बजे तक
- रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक
4. निर्धारित स्थान: कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पटाखे केवल ‘निर्धारित स्थलों’ पर ही फोड़े जा सकते हैं। इसका मतलब है कि स्थानीय प्रशासन को ऐसे खुले मैदानों या स्थानों की पहचान कर अधिसूचना जारी करनी होगी, जहां समुदायिक रूप से नियंत्रित वातावरण में पटाखे चलाए जा सकें।
यह आदेश त्योहारी उल्लास और पर्यावरणीय चिंताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। अब प्रशासनिक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जिम्मेदारी होगी कि वे यह सुनिश्चित करें कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग हो और पटाखे तय समय और तय स्थानों पर ही चलाए जाएं। इन शर्तों से बाहर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध यथावत रहेगा।