झारखंड हाईकोर्ट ने दो वर्षीय बी.एड. डिग्री धारकों को असिस्टेंट टीचर भर्ती में पात्र मानने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई

 झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को दो वर्षीय बी.एड. डिग्री धारक अभ्यर्थियों की असिस्टेंट टीचर पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह अंतरिम आदेश JSSC द्वारा दायर अपील पर सुनवाई के दौरान पारित किया। आयोग ने 14 जुलाई को न्यायमूर्ति दीपक रोशन द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि यह आदेश भर्ती नियमों के विरुद्ध है और इसे लागू नहीं किया जा सकता।

READ ALSO  मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने तजिंदर बग्गा को सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया

अदालत ने दो वर्षीय बी.एड. डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों को निर्देश दिया कि वे एक शपथपत्र दाखिल कर यह स्पष्ट करें कि उन्होंने असिस्टेंट टीचर भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए कब आवेदन किया था।

Video thumbnail

JSSC ने वर्ष 2023 में कक्षा 6 से 8 के लिए सरकारी स्कूलों में गणित और विज्ञान विषयों के असिस्टेंट टीचर्स की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। जनवरी 2024 में आयोग ने विज्ञापन में संशोधन करते हुए पात्रता की शर्त में बदलाव किया और यह स्पष्ट किया कि केवल एक वर्षीय बी.एड. डिग्री वाले अभ्यर्थी ही आवेदन के पात्र होंगे।

READ ALSO  भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 में बाद में ज़मीन ख़रीदने वाला व्यक्ति अधिग्रहण की कार्यवाही के समाप्त होने का दावा नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

इस संशोधन के कारण दो वर्षीय बी.एड. डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी अयोग्य घोषित कर दिए गए। इसके बाद विप्लव दत्त और अन्य अभ्यर्थियों ने आयोग के निर्णय को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनकी उम्मीदवारी केवल इसलिए अस्वीकृत कर दी गई क्योंकि उन्होंने दो वर्षीय बी.एड. कोर्स किया था, जबकि उनकी शैक्षणिक योग्यता वैध है।

न्यायमूर्ति दीपक रोशन ने मामले की सुनवाई के बाद कहा था कि दो वर्षीय बी.एड. कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को भी असिस्टेंट टीचर पद के लिए पात्र माना जाना चाहिए।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा गृहणियां काम नही करती, यह सोच गलत

डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के बाद एकल पीठ का आदेश अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं रहेगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई से पहले अभ्यर्थियों से शपथपत्र दाखिल करने को कहा है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles