ओडिशा हाईकोर्ट ने कटक जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि आगामी बालियात्रा उत्सव को महानदी नदी के किनारे ऊपरी पाडिया (Upper Padia) और निचली पाडिया (Lower Padia) दोनों मैदानों पर आयोजित किया जाए। अदालत के इस आदेश से आयोजन स्थल को लेकर चल रहा विवाद और भ्रम खत्म हो गया है।
यह ऐतिहासिक उत्सव इस वर्ष 5 से 12 नवंबर तक मनाया जाएगा। बालियात्रा प्राचीन ओडिया नाविकों की उन समुद्री यात्राओं की स्मृति में आयोजित होता है, जब वे व्यापार, संस्कृति और मित्रता का संदेश लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक समुद्र मार्ग से जाया करते थे।
राज्य सरकार ने इस वर्ष के आयोजन के लिए महानदी रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत विकसित निचली पाडिया क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी। लेकिन कई हितधारकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ऊपरी पाडिया इस उत्सव का लगभग 500 वर्षों पुराना पारंपरिक स्थल है और यही इसकी ऐतिहासिक महत्ता का केंद्र है। उनका कहना था कि आयोजन को पूरी तरह निचली पाडिया में ले जाना पारंपरिक स्टॉलों और गतिविधियों को मूल स्थल से हटाने के बराबर होगा।

न्यायमूर्ति संगम कुमार साहू और न्यायमूर्ति वी. नारसिंह की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। कटक के कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने अदालत से अनुरोध किया था कि 60 एकड़ में फैले निचली पाडिया के साथ-साथ ऊपरी पाडिया के कुछ हिस्से का भी उत्सव में उपयोग करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि आपातकालीन वाहनों और विशिष्ट व्यक्तियों के काफिलों की आवाजाही के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किया गया है।
अदालत ने जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए दोनों स्थलों पर उत्सव आयोजित करने की अनुमति दे दी।
अदालत ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि दोनों मैदानों के बीच सुचारु आवागमन बना रहे। कलेक्टर द्वारा दायर शपथपत्र का हवाला देते हुए अदालत ने कहा:
“जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि रिंग रोड पर दोनों स्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर ट्रैफिक जाम न हो और आगंतुकों की आवाजाही सुविधाजनक ढंग से हो।”