सुप्रीम कोर्ट ने अशीष मिश्रा को दिवाली पर लखीमपुर जाने की अनुमति दी, राजनीतिक जमावड़े पर रहेगी पाबंदी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अशीष मिश्रा को 20 अक्टूबर को दिवाली मनाने के लिए अपने गृह नगर लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि पहले लगाई गई यह शर्त लागू रहेगी कि किसी भी प्रकार से राजनीतिक कार्यकर्ता या आम जनता इन आयोजनों में शामिल नहीं होंगे।

वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, जो अशीष मिश्रा की ओर से पेश हुए, ने अदालत से दिवाली पर लखीमपुर जाने की अनुमति मांगी और यह आश्वासन दिया कि वह 22 अक्टूबर तक वापस लौट आएंगे। अदालत ने यह अनुमति देते हुए उनकी जमानत की शर्तों को बरकरार रखा।

पीठ ने मुकदमे की प्रगति पर भी गौर किया और बताया कि अब तक 23 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 9 गवाहों को हटा दिया गया है। अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच की वर्तमान स्थिति का ब्यौरा रिकॉर्ड पर पेश करने का निर्देश दिया।

READ ALSO  उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंतरजातीय विवाहित जोड़े को पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया

सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मुकदमे में तेजी लाने का आग्रह किया। इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा करने से उसे ट्रायल की निगरानी करनी पड़ेगी, जो उचित नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को राम नवमी के अवसर पर भी अशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी थी।

इससे पहले 20 जनवरी को अदालत ने राज्य पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी, जब मिश्रा पर गवाहों को प्रभावित करने के आरोप लगे थे। मिश्रा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि हर बार जब मामला सूचीबद्ध होता है, तो उनके जमानत रद्द करने के लिए ऐसे ही आरोप लगाए जाते हैं।

READ ALSO  सेना में JAG के रूप में शामिल होने के लिए CLAT PG स्कोर की आवश्यकता के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2023 को उन्हें जमानत दी थी और निर्देश दिया था कि मुकदमे के दौरान वह केवल दिल्ली और लखनऊ में ही रह सकते हैं।

यह मामला 3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है। किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे।

प्रदर्शन के दौरान एक तेज रफ्तार SUV ने चार किसानों को कुचल दिया। इसके बाद भीड़ ने गाड़ी के चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई। एक पत्रकार की भी इस हिंसा में जान चली गई।

READ ALSO  घरेलू हिंसा अधिनियम पति को प्रताड़ित करने के लिए नहीं- कोर्ट ने पत्नी पर लगाया 10 लाख का जुर्माना

दिसंबर 2023 में ट्रायल कोर्ट ने अशीष मिश्रा और 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य दंडनीय धाराओं में आरोप तय किए, जिससे मुकदमे की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हुई।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles