दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय जनसंघ को एक सामान्य चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग करने वाली याचिका पर चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की एकल पीठ ने चुनाव आयोग को 9 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जिस दिन इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।
इससे पहले अगस्त में, अदालत ने इसी याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था जिसमें पार्टी ने आगामी बिहार चुनाव के लिए एक सामान्य चुनाव चिन्ह के उपयोग की अनुमति मांगी थी। सोमवार को अदालत को बताया गया कि आयोग ने पार्टी के अनुरोध को आंतरिक विवादों के आधार पर अस्वीकार कर दिया है।

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि अब यह विवाद अप्रासंगिक हो गया है, क्योंकि समीर सिंह चंदेल—जो इस विवाद का हिस्सा थे—उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है और “निष्कासन के बाद उनका पार्टी के कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है।” इसके बाद न्यायाधीश ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया।
याचिका में कहा गया है कि अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना 1951 में हुई थी और 1979 में इसका नाम बदला गया, और तब से पार्टी लगातार चुनावों में भाग लेती रही है। पार्टी ने बताया कि उसने समय-समय पर चुनाव चिन्ह के लिए आयोग में आवेदन किया है। 2024 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग ने पार्टी को “सितार” चुनाव चिन्ह आवंटित किया था।
पार्टी ने तर्क दिया कि उसे चुनाव लड़ने का संवैधानिक अधिकार और वैधानिक गारंटी प्राप्त है, बशर्ते वह सभी कानूनी प्रावधानों का पालन करे। सामान्य चुनाव चिन्ह न दिए जाने से पार्टी को चुनाव में भाग लेने के अवसर से वंचित किया जाएगा।