दिल्ली हाईकोर्ट ने 2021 में गिरफ्तार एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक को ड्रग तस्करी मामले में जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि जब्त की गई सामग्री को सैंपलिंग से पहले मिलाने के कारण यह तय करना असंभव हो गया कि परीक्षण के लिए भेजा गया नमूना किस पैकेट से संबंधित था और उसका वास्तविक वजन कितना था।
न्यायमूर्ति अरुण मोंगा ने आरोपी क्वेंटिन डीकन को जमानत देते हुए कहा, “परीक्षण किए गए नमूनों के प्रमाण पर संदेह है, जिन्हें संपूर्ण रूप से वाणिज्यिक मात्रा के रूप में प्रस्तुत किया गया था।”
अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि जांच अधिकारी ने जिरह के दौरान स्वयं स्वीकार किया कि जब्त पदार्थ को परीक्षण से पहले मिला दिया गया था। इस प्रक्रिया ने अभियोजन पक्ष के दावे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डीकन को 27 जून 2021 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह चार साल से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है। चार्जशीट दिसंबर 2021 में दाखिल की गई थी, लेकिन अब तक 14 गवाहों में से केवल 6 की ही गवाही दर्ज हो पाई है। अदालत ने कहा कि मुकदमे के पूरा होने में अभी काफी समय लगेगा।
अभियोजन के अनुसार, कस्टम विभाग ने जून 2021 में भारत आगमन के दौरान डीकन से हेरोइन बरामद की थी। अधिकारियों ने दावा किया था कि कुल जब्त सामग्री का वजन 10,500 ग्राम था, जिसमें लगभग 10,000 ग्राम का एक पैकेट और 480 ग्राम का एक प्लास्टिक कंटेनर शामिल था।
लंबे समय तक हिरासत में रहने और सबूतों की सैंपलिंग प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियों को देखते हुए हाईकोर्ट ने डीकन को जमानत देने का आदेश दिया।