कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि थानिसंद्रा स्थित समारा इंटरनेशनल इस्लामिक स्कूल द्वारा संचालित मदरसे को दी गई 5 लाख रुपये की अनुदान राशि की वसूली की जाए। यह आदेश उस स्थिति के बाद आया है जब स्कूल शिक्षा विभाग ने मदरसे की मान्यता रद्द कर दी।
अदालत को बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने यह मान्यता इसलिए वापस ली क्योंकि संस्था ने “फर्जी” दस्तावेज़ तैयार कर आधिकारिक स्वीकृति प्राप्त की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए खंडपीठ ने कहा कि सभी संबंधित मामलों का निपटारा विधि के अनुसार होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि मदरसे को आवंटित धनराशि की जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें। अदालत ने विभाग द्वारा जारी 5 लाख रुपये की अनुदान राशि की वसूली करने का आदेश दिया और अन्य संबंधित मामलों में कानूनी जांच व सुधारात्मक कदम उठाने को कहा।

यह फैसला स्पष्ट करता है कि सरकारी अनुदानों के वितरण में जवाबदेही सुनिश्चित करना और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विधिक मानकों का पालन करना अनिवार्य है।