केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कार्गो पोत MSC AKITETA II की सशर्त गिरफ्तारी के अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए उसकी मालिक कंपनी मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (MSC) द्वारा जमा की जाने वाली सुरक्षा राशि को घटा दिया। पहले जहाँ ₹9,531 करोड़ जमा कराने का आदेश था, अब इसे घटाकर ₹1,227.62 करोड़ कर दिया गया है।
यह विवाद 25 मई को केरल तट के पास MSC ELSA III के डूबने से जुड़ा है। डूबे जहाज से तेल और माल समुद्र में फैलने का आरोप है, जिससे समुद्री प्रदूषण, तटीय क्षति और हजारों मछुआरों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ा।
हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को आदेश दिया था कि MSC की बहन पोत MSC AKITETA II को तब तक गिरफ्तार रखा जाए जब तक कि कंपनी ₹9,531 करोड़ सुरक्षा राशि के रूप में जमा न करे।

राज्य सरकार का दावा तीन हिस्सों में किया गया था:
- ₹8,626.12 करोड़ पर्यावरण, तटरेखा और राज्य के हितों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए,
- ₹378.48 करोड़ नुकसान को रोकने और कम करने के लिए उठाए गए कदमों की लागत के रूप में,
- ₹526.51 करोड़ मछुआरों को हुई आर्थिक हानि के लिए।
न्यायमूर्ति एम. ए. अब्दुल हकीम ने अपने आदेश में कहा कि फिलहाल सुरक्षा राशि को कम किया जाता है, लेकिन यदि भविष्य में और सामग्री प्रस्तुत की जाती है तो राज्य सरकार इसे बढ़ाने की मांग कर सकती है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार, यदि आवश्यक हो, तो डूबे पोत MSC ELSA III की किसी अन्य बहन पोत की गिरफ्तारी की मांग भी इसी वाद में कर सकती है।
केरल सरकार ने शुरुआत में पूरे ₹9,531 करोड़ की सुरक्षा राशि जमा कराने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने इसे इस चरण में अत्यधिक माना और फिलहाल अंतरिम सुरक्षा राशि ₹1,227.62 करोड़ तय की, साथ ही भविष्य में बढ़ाने का विकल्प खुला रखा।