समीर वानखेड़े ने Netflix की सीरीज़ ‘The Ba**ds of Bollywood’* पर मानहानि का मुकदमा दायर किया, 2 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग

भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि हाल ही में रिलीज़ हुई ड्रामा सीरीज़ The Ba**ds of Bollywood* ने नशीले पदार्थ नियंत्रण एजेंसियों को गलत और नकारात्मक रूप में दिखाया है तथा उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँचाई है।

यह सीरीज़ 18 सितंबर को Netflix पर रिलीज़ हुई थी। इसका निर्देशन आर्यन खान (शाहरुख खान के पुत्र) ने अपने डेब्यू प्रोजेक्ट के रूप में किया है और इसे रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने प्रोड्यूस किया है।
समीर वानखेड़े 2021 में तब सुर्खियों में आए थे जब वे एनसीबी (मुंबई ज़ोनल डायरेक्टर) रहते हुए आर्यन खान को एक हाई-प्रोफाइल ड्रग्स केस में गिरफ्तार करने वाली टीम का हिस्सा थे।

READ ALSO  वाणिज्यिक लाभ के लिए सड़क किनारे के पेड़ों की कटाई के खिलाफ : केरल हाईकोर्ट   

अपने मुकदमे में वानखेड़े ने Netflix, रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, X कॉर्प, गूगल एलएलसी, मेटा प्लेटफ़ॉर्म्स इंक, आरपीजी लाइफ़स्टाइल मीडिया प्रा. लि. और अन्य अज्ञात व्यक्तियों (John Does) को पक्षकार बनाया है।

Video thumbnail

वानखेड़े का कहना है कि यह सीरीज़ “जानबूझकर इस तरह से तैयार और प्रस्तुत की गई है कि उन्हें एक रंगे हाथ पकड़े गए और पूर्वाग्रहपूर्ण व्यक्ति की तरह दिखाया जा सके।” उन्होंने कहा कि इसमें एंटी-ड्रग एजेंसियों की नकारात्मक छवि पेश की गई है, जिससे आम जनता का विश्वास कानून प्रवर्तन संस्थाओं से डगमगा सकता है।

उन्होंने सीरीज़ में आर्यन खान के 2021 वाले एनसीबी केस का उल्लेख किए जाने पर भी आपत्ति जताई है, यह कहते हुए कि मामला अभी बॉम्बे हाईकोर्ट और विशेष एनडीपीएस अदालत, मुंबई में लंबित है और इसलिए इसका जिक्र अनुचित है।

READ ALSO  भारतीय न्यायपालिका के पिछले कार्यालयों में किए गए कार्यों को उजागर करना महत्वपूर्ण: सीजेआई

वानखेड़े ने एक अन्य दृश्य पर भी आपत्ति दर्ज की है जिसमें एक पात्र “सत्यमेव जयते” कहने के बाद बीच वाली उंगली दिखाता है। वानखेड़े ने दलील दी कि यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा होने के कारण राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का “गंभीर और संवेदनशील उल्लंघन” है।

वानखेड़े ने हाईकोर्ट से सीरीज़ के प्रसारण और प्रसार पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है और कहा है कि यदि यह राशि उन्हें दी जाती है तो इसे टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को कैंसर रोगियों के इलाज 

READ ALSO  हाईकोर्ट ने याचिकाओं में न्यायिक अधिकारी के खिलाफ निंदनीय टिप्पणियों के लिए वकील और वादी को अवमानना नोटिस जारी किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles