इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाजविरोधी गतिविधियाँ (निवारण) अधिनियम, यानी गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत प्रदान कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने पारित किया। उन्होंने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 2 सितम्बर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
सोलंकी के खिलाफ कानपुर के जाजमऊ थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने उन पर संगठित अपराध और समाजविरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया था।

सुनवाई के दौरान सोलंकी के वकीलों ने तर्क दिया कि उन्हें राजनीतिक कारणों से फँसाया गया है और उनके खिलाफ ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी हिरासत को जायज़ ठहराया जा सके। वहीं, अभियोजन पक्ष ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया।
दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने पूर्व विधायक को जमानत देने का आदेश सुनाया।
सोलंकी, जिन्होंने कानपुर की सीसामऊ सीट से कई बार सपा विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया है, हाल के वर्षों में कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। मौजूदा मामले में मिली जमानत उनके लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।