दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता और प्रोड्यूसर करन जौहर के व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा करते हुए कई वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को उनके नाम, छवि और पहचान का अवैध व्यावसायिक उपयोग करने से रोक दिया है।
न्यायमूर्ति मनीत पी.एस. अरोड़ा ने करन जौहर के पक्ष में एक्स-पार्टी अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि उन्होंने प्रथम दृष्टया मजबूत मामला प्रस्तुत किया है और सुविधा का संतुलन भी उनके पक्ष में है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो जौहर की प्रतिष्ठा और ब्रांड वैल्यू को अपूरणीय क्षति होगी।
अदालत ने पाया कि कुछ वेबसाइटों और प्लेटफ़ॉर्म ने जौहर की आवाज़, नाम और छवि का बिना अनुमति के व्यावसायिक शोषण किया है, जो उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है। इसके अलावा, Pinterest, Google और Meta जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध कुछ वीडियो, मीम्स और पोस्ट में अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई।

“यह सामग्री वादी की प्रतिष्ठा और सद्भावना को ठेस पहुँचाती है और उसके ब्रांड मूल्य को प्रभावित करती है। ऐसे नकारात्मक उपयोग से बचाव के लिए वादी प्रथम दृष्टया निषेधाज्ञा पाने का हकदार है,” अदालत ने आदेश में कहा।
- Perfect Privacy LLC और Giphy को निर्देश दिया गया कि वे जौहर के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन करने वाली कोई भी सामग्री प्रकाशित न करें और उल्लिखित URL हटा दें।
- GoDaddy India Web Services Pvt Ltd को आदेश दिया गया कि वह करन जौहर की तस्वीरों से जुड़ा ‘AI Voice Swap Generator’ डोमेन तुरंत निलंबित और लॉक करे।
- कुछ वेबसाइटों को जौहर के नाम और छवि वाले मग और टी-शर्ट जैसे अनधिकृत मर्चेंडाइज़ बेचने से रोका गया।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने जौहर को यह स्वतंत्रता दी कि वे भविष्य में Meta, Google और X (पूर्व में ट्विटर) जैसे प्लेटफ़ॉर्म से किसी भी नकली या समान सामग्री को हटवाने के लिए संपर्क कर सकें। सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज़ को भी निर्देश दिया गया कि वे संबंधित खातों की बेसिक सब्सक्राइबर जानकारी और आईटी लॉग डिटेल उपलब्ध कराएँ।
जौहर ने अपनी याचिका में नकली प्रोफ़ाइल, अश्लील सामग्री, अनधिकृत मर्चेंडाइज़ बिक्री, डोमेन नाम के दुरुपयोग और पहचान की नकल जैसे कई मुद्दों को उठाया था।
यह फैसला हाल ही में अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन द्वारा दायर की गई याचिकाओं की तर्ज पर आया है, जिनमें उन्होंने भी अपने व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी।