सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अभिनेता आलोक नाथ को हरियाणा में कथित मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना से जुड़े धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने आलोक नाथ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा पुलिस और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया। पीठ ने निर्देश दिया, “इस बीच, अगली सुनवाई तक प्रतिवादियों द्वारा याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई जबरन कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने अभिनेता श्रेयस तलपड़े को भी इसी मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा दी थी।

सोनिपत निवासी 37 वर्षीय विपुल अंटिल की शिकायत पर आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि दोनों अभिनेताओं ने ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रमोट किया, जिससे निवेशकों को पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया गया।
मुरथल के एसीपी अजीत सिंह के अनुसार यह सोसाइटी जांच के घेरे में है और मल्टी-मार्केटिंग कंपनी की तरह काम कर रही थी। उन्होंने कहा, “शिकायत में उनके नाम दर्ज हैं। एफआईआर दर्ज की गई है। अब जांच में यह देखा जाएगा कि उनकी भूमिका क्या थी।”
एफआईआर 22 जनवरी को दर्ज की गई थी, जिसमें भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 316, 318 और 420 के तहत आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी समेत कई आरोप लगाए गए हैं।
शिकायत में कहा गया कि यह सोसाइटी मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत 2016 से काम कर रही थी और फिक्स्ड डिपॉजिट तथा रिकरिंग डिपॉजिट जैसी बचत योजनाएँ पेश कर रही थी। उसने खुद को एक सुरक्षित और विश्वसनीय संस्था बताकर बड़े पैमाने पर प्रचार किया और हजारों निवेशकों को जोड़ा।
शुरुआत में निवेशकों को समय पर रिटर्न दिया गया, लेकिन 2023 से परिपक्व राशि (मैच्योरिटी अमाउंट) का भुगतान बाधित होने लगा। सोसाइटी ने इसे “सिस्टम अपग्रेडेशन” का बहाना बनाकर टालना शुरू किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बाद में सोसाइटी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस और अन्य पक्षों से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई तक आलोक नाथ को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी।