उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 12वीं पास बालिकाओं को लाभ नहीं मिलने पर गंभीर रुख अपनाते हुए महिला सशक्तिकरण विभाग और अन्य संबंधित विभागों से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों से सवाल किया कि अब तक eligible छात्राओं को योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया।
यह जनहित याचिका चमोली निवासी ममता नेगी द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया कि गरीब बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चमोली जिले में वर्ष 2022–23 में 439 बालिकाएँ इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तीर्ण हुई थीं। नंदा गौरा योजना के तहत प्रत्येक बालिका को उच्च शिक्षा हेतु ₹51,000 की प्रोत्साहन राशि दी जानी थी।

याचिका में यह भी कहा गया कि स्कूलों ने वर्ष 2023 में सभी आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर विभाग को विवरण भेज दिया था। इसके बाद विभाग ने सरकार से ₹2.45 करोड़ की मांग भी की थी, लेकिन अब तक धनराशि जारी नहीं की गई।
हाईकोर्ट ने विभागों से इस देरी पर स्पष्टीकरण मांगा है। मामले की अगली सुनवाई राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल होने के बाद होगी।