दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की, नाम-छवि और एआई आधारित सामग्री के दुरुपयोग पर रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों को संरक्षण प्रदान करते हुए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को उनके नाम, छवि, आवाज़ और एआई से तैयार की गई सामग्री का बिना अनुमति इस्तेमाल करने से रोक दिया है।

न्यायमूर्ति तेजस करिया ने 10 सितंबर को पारित आदेश (जो शुक्रवार को जारी हुआ) में कहा कि बच्चन की पहचान से जुड़े गुण — जैसे उनका नाम, छवियां, हस्ताक्षर और व्यक्तित्व — प्रतिवादी वेबसाइटों द्वारा अवैध रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे तकनीकी साधनों के माध्यम से उपयोग किए जा रहे हैं।

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“ये विशेषताएं वादी के पेशेवर कार्य और करियर से जुड़ी हैं। ऐसे अनधिकृत उपयोग से उनके साथ जुड़ी प्रतिष्ठा और सद्भावना प्रभावित होती है,” न्यायमूर्ति करिया ने कहा।

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अदालत ने माना कि बच्चन ने एकतरफा निषेधाज्ञा (ex-parte injunction) दिए जाने का मजबूत प्रथमदृष्टया मामला पेश किया है और सुविधा का संतुलन भी उनके पक्ष में है।

“यदि इस मामले में निषेधाज्ञा नहीं दी जाती है, तो वादी और उनके परिवार को न केवल वित्तीय हानि होगी बल्कि उनकी गरिमा के साथ जीने के अधिकार का भी हनन होगा,” अदालत ने टिप्पणी की।

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यह अंतरिम आदेश बच्चन द्वारा दायर याचिका पर दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उनके नाम, छवि, व्यक्तित्व और आवाज़ का दुरुपयोग कर रहे हैं और यहां तक कि अनुचित और अश्लील एआई-निर्मित सामग्री भी व्यावसायिक लाभ के लिए बना रहे हैं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि व्यक्तित्व अधिकार (Personality Rights), जिन्हें Right to Publicity भी कहा जाता है, प्रत्येक व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह अपने नाम, छवि और पहचान के व्यावसायिक उपयोग पर नियंत्रण रखे और उससे लाभ उठा सके।

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