पुरुष प्रशिक्षकों वाले जिम में महिलाओं की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता, सुरक्षा उपायों की कमी पर उठाए सवाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुरुष प्रशिक्षकों द्वारा संचालित फिटनेस सेंटरों में महिला ग्राहकों की सुरक्षा और गरिमा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। एक आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने जांच अधिकारी को मेरठ के एक जिम के संबंध में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जहां एक प्रशिक्षक पर जातिसूचक गाली देने और एक महिला को परेशान करने का आरोप है।

यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नितिन सैनी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य (आपराधिक अपील संख्या 10866/2024) के मामले में पारित किया।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला मेरठ के माधवपुरम, प्रेम विहार में “फिट एंड लिफ्ट” नामक जिम चलाने वाले प्रशिक्षक नितिन सैनी के खिलाफ दर्ज एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से संबंधित है। एफआईआर में उल्लिखित आरोपों के अनुसार, 29 अप्रैल, 2024 को शाम लगभग 7:57 बजे, अपीलकर्ता नितिन सैनी ने कथित तौर पर पीड़िता अनीता के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया जब वह जिम में वर्कआउट कर रही थीं।

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न्यायिक आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि अपीलकर्ता पर “चमारी चमाटी” जैसी जातिसूचक गाली का उपयोग करने, पीड़िता को छाती पर बलपूर्वक धक्का देने, भद्दी गालियां देने और फिर उसे जिम परिसर से बाहर निकालने का आरोप है। यह कथित कृत्य भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के संबंधित प्रावधानों के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2)5 के तहत आते हैं।

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इसके अलावा, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान से और भी आरोप सामने आए। अपने बयान में, पीड़िता ने दावा किया कि अपीलकर्ता ने उसकी दोस्त आरती के अश्लील वीडियो भी बनाए थे और पिछले छह से सात महीनों से यह सामग्री आरती को भेज रहा था। न्यायालय ने कहा कि इन अतिरिक्त आरोपों के आधार पर आईपीसी की धारा 354 और 504 के तहत भी अपराध बन सकते हैं।

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न्यायालय की टिप्पणियां और विश्लेषण

सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने फिटनेस सेंटरों के माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त की। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने टिप्पणी की, “यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि वर्तमान में पुरुष जिम प्रशिक्षक महिला ग्राहकों को उनकी सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।”

न्यायालय का विश्लेषण ऐसे माहौल में महिलाओं की संभावित असुरक्षा और जिम जैसे प्रतिष्ठानों में उचित निरीक्षण और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर केंद्रित था।

निर्णय और निर्देश

इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, हाईकोर्ट ने थाना ब्रह्मपुरी, मेरठ के जांच अधिकारी को विशिष्ट निर्देश जारी किए हैं। अधिकारी को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया है जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देना होगा:

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(i) क्या अपीलकर्ता द्वारा संचालित जिम कानून के तहत विधिवत पंजीकृत है? (ii) क्या अपीलकर्ता को इस मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है? (iii) क्या जिम में महिला प्रशिक्षक कार्यरत हैं?

न्यायालय ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 8 सितंबर, 2025 को “फ्रेश” के रूप में सूचीबद्ध किया है, जब तक कि उक्त हलफनामा दाखिल नहीं हो जाता।

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