सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर से राजनेता बने अरुण गवली को जमानत दे दी, जो शिवसेना के नगरसेवक कमलाकर जमसांदेककर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अदालत ने उनकी लंबी कैद और अधिक उम्र को देखते हुए राहत प्रदान की।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुन्दरश और न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि गवली 76 वर्ष के हैं और अब तक 17 साल तीन महीने से जेल में बंद हैं, जबकि उनकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
पीठ ने कहा, “स्पष्ट है कि अपीलकर्ता 17 साल तीन महीने से जेल में हैं। हम इस तथ्य पर भी गौर करते हैं कि वह 76 वर्ष के हो चुके हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने गवली को जमानत दी है, जो ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों पर आधारित होगी। साथ ही मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 में तय की गई है।
गवली और उनके सहयोगियों को 2006 में गिरफ्तार किया गया था। मार्च 2007 में जमसांदेककर की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अगस्त 2012 में मुंबई की सत्र अदालत ने गवली को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और उन पर 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
बाद में 9 दिसंबर 2019 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा, जिसके खिलाफ गवली ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।