इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजली विभाग को आदेश दिया है कि वह मुरादाबाद में मंत्री के दौरे के दौरान हुई संक्षिप्त बिजली कटौती के बाद एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करे।
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शामशेरी ने जूनियर इंजीनियर ललित कुमार की याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि निलंबन आदेश केवल “कवर-अप” के तौर पर पारित किया गया प्रतीत होता है, जिसमें अधिकारी की स्पष्ट जिम्मेदारी तय नहीं की गई थी।
यह घटना 20 जुलाई को हुई थी, जब मुरादाबाद में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम के दौरान बिजली करीब दस मिनट के लिए गुल हो गई थी। घटना के तुरंत बाद विभाग ने ललित कुमार को निलंबित कर दिया, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

कुमार की ओर से पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया कि निलंबन मनमाना है, क्योंकि आदेश में किसी व्यक्तिगत जिम्मेदारी का उल्लेख नहीं किया गया और यह केवल विभागीय कमियों को छिपाने के लिए किया गया।
वहीं, बिजली विभाग के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक निलंबन पर पुनर्विचार करेंगे। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने विभाग को आदेश दिया कि मामले की दोबारा समीक्षा की जाए और याचिका का निस्तारण कर दिया।