सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने शनिवार को तमिलनाडु में तीन विधिक सेवा क्लीनिकों का उद्घाटन किया और आम जनता से अपील की कि वे इन चौबीसों घंटे उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाएं।
उद्घाटन समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि ये क्लीनिक इस संकल्प का प्रतीक हैं कि “कानूनी सहायता कभी भी पहुँच से बाहर न हो — चाहे समय कोई भी हो, परिस्थिति कैसी भी हो, या सहायता चाहने वाला कोई भी व्यक्ति हो।”
नए शुरू किए गए क्लीनिक आम नागरिकों के लिए एक ‘वन-स्टॉप सेंटर’ के रूप में कार्य करेंगे, जहाँ लोग अपनी कानूनी समस्याओं पर सलाह ले सकते हैं, अपने अधिकारों और हकदारी के बारे में जान सकते हैं और अपने मामलों को आगे बढ़ाने के लिए अधिवक्ताओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। न्यायमूर्ति ने कहा, “ये क्लीनिक केवल विधि कार्यालय नहीं हैं। ये कानून और जनता के बीच की दूरी को पाटने वाले सेतु हैं, अधिकार और उपाय के बीच की खाई को भरने वाले साधन हैं।”

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अधिवक्ताओं, कानून प्रवर्तन अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों, शिक्षकों और लोक सेवकों से इन संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें सामूहिक रूप से इन नई सुविधाओं का उपयोग करना चाहिए ताकि हम समाज के सबसे कमजोर वर्गों की चुनौतियों का समाधान कर सकें, समुदाय और संस्थाओं के बीच विश्वास का निर्माण कर सकें और इस विचार को मजबूत कर सकें कि न्याय कोई अमूर्त आदर्श नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए सुलभ एक जीवंत वास्तविकता है।”
जनता से सीधे संवाद करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “ये क्लीनिक आपके हैं। इनका उपयोग करें। आवश्यकता पड़ने पर यहाँ आएं। सलाह लें, प्रश्न पूछें, अपनी समस्याएँ और चिंताएँ सामने रखें — कोई भी मुद्दा छोटा नहीं है, कोई भी शिकायत महत्वहीन नहीं है। आज न्याय के द्वार और अधिक खुले हैं, और अब हम सबको उनमें प्रवेश करना है।”
इसके साथ ही न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने एक ई-लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया।