राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्यभर के सरकारी स्कूलों में 86 हजार से अधिक जर्जर कक्षाओं के उपयोग पर रोक लगा दी है। अदालत ने निर्देश दिया है कि इन कक्षाओं को तुरंत बंद कर ताला लगाया जाए और बच्चों को उनमें प्रवेश न करने दिया जाए।
यह आदेश शुक्रवार को न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने दिया। अदालत ने यह कदम उस सरकारी सर्वेक्षण के आधार पर उठाया, जो झालावाड़ स्कूल छत गिरने की घटना के बाद कराया गया था। जुलाई में हुई इस घटना में सात छात्रों की मौत हो गई थी और आठ घायल हुए थे।
सरकारी सर्वे के अनुसार, राजस्थान में 63,018 सरकारी स्कूल और 5,26,162 कक्षाएं हैं। इनमें से 86,934 पूरी तरह जर्जर पाई गईं जबकि 5,667 स्कूल पूरी तरह असुरक्षित घोषित हुए। शौचालयों की स्थिति पर भी रिपोर्ट ने चिंता जताई—17,109 शौचालय जर्जर मिले और 29,093 को मरम्मत योग्य बताया गया।

यह सर्वेक्षण शिक्षकों द्वारा प्रारंभिक तौर पर कराया गया था। इसी दौरान, एक और हादसा जैसलमेर में हुआ जहां स्कूल का मुख्य गेट गिरने से एक छात्र की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
अदालत ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। उसने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि प्रभावित छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। साथ ही अदालत ने इंजीनियरों से तकनीकी सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।